सरकार एक ओर तो कैशलेस अर्थव्यवस्था लाने के लिए लोगों से अपील करती है कि वे कैश के बजाए अधिक से अधिक बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल करें. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से देखने में आ रहा है कि भारतीय बैंकें कई छोटी-छोटी सुविधाओं के नाम पर मनमाने चार्ज ग्राहकों से वसूलने लगी बैंक ऑफ बड़ौदा ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।
बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एक्सिस और सेंट्रल बैंक इस पर जल्द ही फैसला लेंगे। अगले महीने से यानी नवंबर 2020 से तय सीमा से ज्यादा बैंकिंग करने पर ग्राहकों को अलग से शुल्क देना होगा बैंक ऑफ बड़ौदा ने चालू खाते, कैश क्रेडिट लिमिट और ओवरड्राफ्ट एकाउंट से जमा-निकासी के अलग और बचत खाते से जमा-निकासी के अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं। लोन एकाउंट के लिए महीने में तीन बार के बाद चौथी बार पैसा निकालने पर 150 रुपए प्रति लेनदेन का शुल्क लगेगा। बचत खाते में तीन बार तक जमा करना मुफ्त है मगर चौथी बार रकम जमा करने पर 40 रुपए अतिरिक्त देने होंगे। वरिष्ठ नागरिकों को भी बैंकों ने कोई राहत नहीं दी है
एक लाख से ज्यादा होने पर - एक हजार रुपये पर एक रुपए चार्ज (न्यूनतम 50 रुपये और अधिकतम 20 हजार रुपये),एक महीने में तीन बार पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं, चौथी बार से- 150 रुपये प्रत्येक विड्रॉल। जी हा यही नहीं अब आपको सेविंग अकाउंट पर भी देने होंगे पैसे तीन बार तक जमा निशुल्क,चौथी बार से देना होगा 40 रुपये हर बार ,महीने में तीन बार खाते से पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं,चौथी बार से पैसा निकालने पर देना होगा- 100 रुपये हर बार,वरिष्ठ नागरिकों को कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें भी शुल्क देना होगा,जनधन खाताधारकों को जमा करने पर कोई शुल्क नहीं देगा होगा निकालने पर 100 रुपये देना होंगे।