शिवगढ़ का किला
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका एक नए आर्टिकल में आज के इस आर्टिकल में हम आपको शिवगढ़ के किले के बारे में बताएंगे जो कि उत्तर प्रदेश राज्य के रायबरेली जिले के शिवपुर ब्लाक में स्थित है जो लखनऊ इलाहाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग से बाई ओर कुछ ही दूरी पर स्थित है जोकि एक छोटी सी फिल्म सिटी भी है क्योंकि इसके चर्चे मुंबई जैसे शहरों में भी होते हैं
शिवगढ़ के किले के बारे में
यह छोटा सा क्षेत्र बहुत ही सुनियोजित ढंग से व्यवस्थित है शिक्षा के क्षेत्र में यह बहुत आगे हैं जहां एक और केंद्रीय विद्यालय बच्चों का भविष्य बना रहे हैं वही वही यूपी में एग्रीकल्चर में विशिष्ट पहचान रखने वाला श्री बरखंडी महाविद्यालय भी स्थित है और वहां पर इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट भी यानी आईटीआई भी मौजूद है और भी बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध है वहां के चित्र बच्चों को किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो या उनके विकास में कोई कमी ना रह जाए इसके लिए शिविर के राजा ने वहां पर एक स्टेडियम भी बनवाया है
जहां पर बच्चों को खेलने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध है और समय-समय पर टूर्नामेंट भी होते रहते हैं
शिवगढ़ किले का इतिहास
शिवगढ़ का किला वर्ष 1942 ईसवी में राजा बरखंडी महेश प्रताप सिंह द्वारा बनवाया गया था जोकि इटालियन मार्बल से लैस है जिसे वर्तमान में शिवगढ़ की राजा साहब की कोठी कहते हैं यह किला उत्तर प्रदेश के 6 प्राचीन विरासत में शामिल है यहां आए दिन किसी न किसी फिल्म की शूटिंग चलती रहती है सरोज मिश्रा जो कि बहुत ही फेमस फिल्म मेकर है यह भी शिवगढ़ से ताल्लुक रखते हैं यहां पर बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि भोजपुरी फिल्म शूटिंग हो चुकी है हाल ही में यहां पर अजय देवगन की रेड 2 फिल्म की शूटिंग में हुई थी जो कि बहुत ही चर्चित रही और वर्तमान में जनवरी 2021 से सत्यमेव जयते की शूटिंग होना सुनिश्चित हुई है इसलिए यदि आप अच्छे ऐतिहासिक स्थलों को जानने के बारे में रुचि रखते हैं तो आपको एक बार जरूर शिवगढ़ के किले को देखना चाहिएमें शिवगढ़ के किले के उत्तर दिशा में स्थित भगवान शिव के मंदिर से एक बहुत ही शक्तिशाली मूर्ति चोरी हो गई जो कि कुछ समय बाद वहां पर पीछे स्थित एक पार्क में मिली इस पर प्रशासन ने ध्यान देते हुए उस मूर्ति को बछरावां थाना स्थित मंदिर में प्रतिष्ठित किया और वहीं पर उसकी पूजा-अर्चना होने लगी जब बाद में तत्कालीन राजा राकेश प्रताप सिंह जी को इस बात की खबर लगी जो कि उस समय उस महल में नहीं रहा करते थे तब उन्होंने वहां के तत्कालीन एसपी से अनुमति लेकर उस मूर्ति को वापस महल में प्रतिस्थापित कर दिया और उसकी सेवा करने लगे तब से लेकर अब तक राकेश प्रताप सिंह जी के वंशज यहीं पर निवास करते हैं
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