बुलेटप्रूफ जैकेट और ग्लास कैसे बनता है
नमस्कार दोस्तों कैसे हैं आप सब उम्मीद करता हूं कि अच्छे होंगे आज के इस आर्टिकल में हम आपको बुलेट प्रूफ ग्लास और बुलेट प्रूफ जैकेट के बारे में बताएँगे इसके लिए सबसे पहले आपको फिजिक्स का एक बेसिक सा कांसेप्ट समझना होगा जो कि होता है
Force = change in momentum
बल = संवेग में परिवर्तन
यदि हम इस बात को क्रिकेट मैच से जोड़कर समझे तो खिलाड़ी यदि गेंद को थोड़ा सा हाथ पीछे करके पकड़ता है तो उसे कम झटका महसूस होता है और गेंद भी आसानी से पकड़ में आ जाती है और यदि वही खिलाड़ी गेंद को हाथ आगे करके पकड़ता है तो उसे अधिक झटका महसूस होता है और गेंद भी मुश्किल से पकड़ में आती है इसका मतलब यही हुआ कि जो चीज कठोर होती है वह अधिक जल्दी टूट जाती है और जो चीज लचीली होती है वह आसानी से नहीं टूटती
बुलेट प्रूफ ग्लास बनाने के लिए साधारण क्लास के बीच में पॉलीकार्बोनेट मटेरियल की लेयर डाली जाती है जो कि प्लास्टिक जैसी होती है और लचीली होती है काफी मजबूत भी होती है इस प्रकार साधारण क्लास पर पॉलीकार्बोनेट की परत चढ़ा कर उसे मजबूत बनाया जाता है इसी कारण से बुलेट प्रूफ कांच की मोटाई अधिक हो जाती है
बुलेट प्रूफ ग्लास क्यों नहीं टूटता
जैसे ही बुलेट इस ग्लास की तरह आती है तो वह इसके ऊपर चढ़े साधारण ग्लास की परत को तोड़ देती है और वही से बुलेट की एनर्जी चारों तरफ फैल जाती है और फिर बुलेट अगली लेयर की तरफ बढ़ती है तो एनर्जी कम हो जाती है इस तरह जैसे जैसे बुलेट आगे की परतों में बढ़ती है उसका मोमेंटम कम होता जाता है यानी संवेग कम होता जाता है इस प्रकार बुलेट की एनर्जी ग्लास और पॉलीकार्बोनेट मटेरियल की लेयर खुद में ही सोख लेती है और बुलेट आर पार नहीं निकल पाती लेकिन लेकिन ऐसा नहीं है कि बुलेट प्रूफ कांच को तोड़ा नहीं जा सकता या अभेद होता है यह कहना गलत होगा यदि एक ही स्थान पर बार-बार गोली चलाई जाए तो वह भी आर पार जा सकती है इसीलिए वैज्ञानिकों की भाषा में इसे बुलेट रजिस्टेंस ग्लास कहते हैं
बुलेट प्रूफ जैकेट कैसे बनती है
बुलेट प्रूफ जैकेट बनाने का कांसेप्ट भी बुलेट प्रूफ ग्लास बनाने जैसा ही होता है आजकल की बुलेट प्रूफ जैकेट जैकेट पॉलीएथिलीन फाइबर से बनाई जाती है पॉलीएथिलीन फाइबर की कई देशों को एक साथ एक्टिव केस में बनाकर बुलेट प्रूफ जैकेट तैयार की जाती है जोकि ज्यादा सस्ते और मजबूत साबित होते हैं बुलेट प्रूफ जैकेट भी उर्जा को चारों तरफ बिखेरने के सिद्धांत पर कार्य करते हैं इसमें भी गोली लगने पर पॉलीएथिलीन फाइबर की लेट से टकराकर उर्जा चारों तरफ बिखर जाती है और और पहनने वाला सुरक्षित रहता है लेकिन उसे झटका जरूर महसूस होता है