दर्शकों का इंतजार ख़त्म अपने निर्धारित समय से तीन घंटा पहले ही अमेजन प्राइम की चर्चित वेब सीरीज मुर्ज़ापुर 2 दर्शकों के पास पहुंच चुकी हैं. जिनके पास सब्सक्रिप्शन है उनका तो ठीक है लेकिन जो बेचारे बजट का रोना रोते हैं credit: third party image reference
उन्होंने घोड़े खोल लिए हैं टेलीग्राम से लेकर यू टॉरेंट तक सब जुआड़ पानी फिट कर लिया है कि कुछ भी हो बढ़िया प्रिंट मिल जाए और वो अपने प्यारे गुड्डू भइया और गोलू गुप्ता को मुन्ना एंड पार्टी की बैंड बजाते देख लें. अब क्यों कि मिर्जापुर का सीजन 2 हमारे बीच आ गया है. तमाम कयासों पर विराम लग गया है. अब जो भी बातें होंगी सीधी सपाट होंगी दो टूक होंगी. तो पहली बात क्या मिर्ज़ापुर 1 के मुकाबले मिर्ज़ापुर 2 मजेदार है या फिर इसे लेकर इस चर्चित सीरीज के निर्माता निर्देशक की तरफ से व्यर्थ का प्रोपोगेंडा फैलाया गया? जवाब हां है. मिर्जापुर की ही भाषा में कहें तो भइया मिर्ज़ापुर का सीजन 2 एकदम गर्दा उड़ा दिया हैcredit: third party image reference
लेकिन आगे हम कुछ और बताएं इससे पहले ये जान लीजिए कि अगर दूसरा सीजन बेहतरीन बना है तो न तो इसकी वजह मुन्ना त्रिपाठी हैं और न ही गुड्डू पंडित और गोलू गुप्ता. मिर्ज़ापुर सीजन 2 में जो व्यक्ति छाया है वो सिर्फ और सिर्फ अखंडानंद त्रिपाठी या ये कहें कि कालीन भइया हैं. सीजन 2 में कालीन भइया ने मुन्ना को संदेश दिया है कि बेटा कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए बाप-बाप जैसा कि हम बता चुके हैं मिर्ज़ापुर का सीजन 2 आ गया है तो तमाम चीजें हैं जो नई हैं. सीरीज देखकर दर्शक जान जाएंगे कि मिर्ज़ापुर के प्रोड्यूसर डायरेक्टर ने जो नए प्रयोग किये वो कामयाब रहे हैं. बदले के अलावा क्या तमंचा, क्या पिस्टल और बम सीरीज में हर वो चीज है जिसके इंतेजार में शायद दर्शक कई रातें सोये नहीं और पूरी तन्मयता से मिर्ज़ापुर 2 का इंतजार किया.ही रहता महिलाएं मिर्ज़ापुर 1 की यूएसपी रही हैं. निर्माता निर्देशक जानते थे कि अगर सीजन 2 हिट कराना है तो सीरीज की महिलाओं को कमज़ोर नहीं दिखाना है. सीजन 2 के मद्देनजर अच्छी बात ते रही कि प्रोड्यूसर डायरेक्टर ने इस बात को हवा हवाई नहीं रखा बल्कि इसे अमली जामा भी पहनाया. पिछले सीजन में तमाम पात्र थे जिनके हाथों में चूड़ियां थीं जिन्हें इस बार बंदूक ने रिप्लेस कर दिया है।