केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने अब आठ दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. किसान यूनियनों ने कहा है कि भारत सरकार ने वार्ता के लिए बुलाया है हम उसमें शामिल होंगे अगर सहमति नहीं बनी और हमारी मांग नहीं मांनी गयी तो हम भारत बंद मे चक्का जाम करेंगे किसानों ने अब आंदोलन तेज कर दिया है और सरकार से कहा है कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गयी तो हम आंदोलन और तेज करेगे.किसानों के महाआंदोलन को अब देशव्यापी रूप देने की तैयारी है।
शनिवार को देशभर में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन होंगे। किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के किसान संगठनों की बैठक में भारत बंद को पर सहमति बनी।
ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी ने भी भारत बंद को अपना समर्थन दिया है। इस संस्था के तहत देशभर के 400 से ज्यादा किसान संगठन आते हैं। यानी सरकार को यह साफ इशारा कर दिया गया है कि किसान आंदोलन राष्ट्रव्यापी होने जा रहा है और आने वाले दिनों में यह और बढ़ेगा ही।किसान संगठनों ने दिल्ली के बॉर्डर्स पर कब्जा कर लिया है। 8 दिसंबर को भारत बंद वाले दिन, देशभर में चक्का जाम की तैयारी है। रेल सेवाओं को भी प्रभावित करने की कोशिश होगी। कृषि आधारित इलाकों में बंद का व्यापक असर देखने को मिल सकता है। बाजार से लेकर सामान्य जनजीवन पर बुरा असर पड़ने की पूरी संभावना है। सड़कें जाम होने से सप्लाई चेन्स और ट्रांसपोर्ट सर्विसिज की कमर टूट सकती है। अगर राजनीतिक दल भी भारत बंद के समर्थन में उतरते हैं तो फिर उसके असर का दायरा और बढ़ सकता है। इमर्जेंसी और जरूरी सेवाओं को बंद से दूर रखने की बात किसान संगठन कहे चुके हैं।